accident news: रोही बाईक से टकराई, एक की मौत, दूसरा गंभीर
अकोला- ज़िले के महान–पिंजर रोड पर घटाडी गांव के पास आज सुबह एक दर्दनाक हादसा हुआ, जब काम पर जा रहे दो युवकों की बाइक पर अचानक जंगल से निकले एक रोहित (जंगली जानवर) ने छलांग लगा दी। हादसे में दोनों युवक गंभीर रूप से घायल हो गए, जिनमें से एक ने बाद में दम तोड़ दिया।घटना 7 अक्टूबर की सुबह करीब 9 बजे की है। महान के वार्ड क्रमांक 1, एकवीस महेल के निवासी अशफाक़ खान अफसर खान (36) और अमोल उमेश खरात (25) रोज़ की तरह काम पर निकल रहे थे। वे अपनी बाइक (क्रमांक MH 30 BK 8216) से पिंजर रोड के एक गांव में मिस्त्री का काम करने जा रहे थे। घटाडी गांव के पास, जो महान से करीब डेढ़ किलोमीटर दूर है, अचानक जंगल से निकले रोहित ने उनकी बाइक पर छलांग लगा दी।इस टक्कर से दोनों युवक सड़क पर गिर पड़े और करीब 50 से 60 फीट तक घिसटते चले गए। अशफाक़ खान के सिर, नाक और शरीर पर गंभीर चोटें आईं, जिससे उनके कान और नाक से खून बहने लगा। वहीं अमोल खरात भी गंभीर रूप से घायल हो गए।घटना की जानकारी मिलते ही हातोला ग्राम पंचायत के सरपंच संतोष सुरडकर ने तुरंत अपनी एम्बुलेंस से दोनों घायलों को महान प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया। वहाँ के चिकित्सा अधिकारी डॉ. अहिरकर और नर्स सारिका पोहरे ने प्राथमिक उपचार के बाद दोनों को अकोला ज़िला सामान्य अस्पताल भेज दिया।अशफाक़ खान के सिर में गंभीर चोट लगने से वे ज़िला अस्पताल में ज़िंदगी और मौत के बीच जूझते रहे। उपचार के दौरान दोपहर करीब 3:30 बजे उनकी मौत हो गई। वे अपने पीछे पत्नी, माता-पिता, तीन भाई और एक बहन सहित बड़ा परिवार छोड़ गए हैं।अशफाक़ खान अपने मिलनसार स्वभाव के लिए जाने जाते थे। उनके निधन की खबर मिलते ही पूरे महान गांव में शोक की लहर फैल गई।
पांच महीने पहले ही हुआ था अशफाक़ का विवाह, हादसे ने उजाड़ा परिवार
दुर्घटना में मारे गए अशफाक़ खान अफसर खान का विवाह महज़ पांच महीने पहले, 4 मई 2025 को हुआ था। पेशे से मिस्त्री रहे अशफाक़ अपने परिवार के लिए घर का निर्माण कार्य कर रहे थे। उन्हें इस बात का अंदाज़ा भी नहीं था कि आज का दिन उनके जीवन का आख़िरी दिन साबित होगा।अशफाक़ अपने माता-पिता के सबसे छोटे और तीसरे क्रमांक के पुत्र थे। उनकी असमय मौत से परिवार पर गहरा सदमा छाया है। पत्नी और पूरे परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है।
आखिर कब रुकेगा अपघात का सिलसिल
वन विभाग नींद से कब जागेगा
महान–पिंजर मार्ग पर फैला हुआ वन क्षेत्र वन्यजीवों से भरा हुआ है। इस जंगल में रोहित (नीलगाय) के बड़े झुंडों के साथ हिरण, भारसिंगा, जंगली सूअर, तेंदुए और अन्य वन्य जीव बड़ी संख्या में पाए जाते हैं। घटाडी क्षेत्र में ऐसे छोटे-बड़े हादसे अक्सर होते रहते हैं.और इनका मुख्य कारण यही वन्य जीव हैं, जो अचानक सड़क पर आ जाते हैं।
स्थानीय नागरिकों और किसानों ने कई बार वन विभाग को इस गंभीर समस्या के बारे में सूचित किया है। उनसे बार-बार यह मांग की गई कि इन जानवरों को नियंत्रित करने और सड़क पर आने से रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएँ। लेकिन विभाग की ओर से अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। संबंधित अधिकारी केवल "बघ्याची भूमिका" (देखने वाले की भूमिका) निभाते हुए मौन हैं।
इन वन्य जीवों — खासकर रोहित, हिरण और जंगली सूअरों — के कारण किसानों को भी भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है। वहीं, सड़क पर इन जानवरों के आने से आम नागरिकों की जान खतरे में पड़ जाती है। रात के समय तो यह रास्ता और भी ख़तरनाक हो जाता है, क्योंकि इन जानवरों की गतिविधि बढ़ जाती है, जिससे लोगों को जान हथेली पर रखकर यात्रा करनी पड़ती है।
स्थानीय नागरिकों ने वन विभाग से मांग की है कि इस गंभीर समस्या पर तुरंत ध्यान दिया जाए, रात्रि समय पर सुरक्षा उपाय किए जाएँ, और सड़कों पर आने वाले वन्य जीवों पर नियंत्रण के ठोस कदम उठाए जाएँ। साथ ही, हाल ही में रोहित की टक्कर में जान गंवाने वाले अशफाक़ खान अफसर खान और गंभीर रूप से घायल अमोल उमेश खरात के परिवारों को उचित आर्थिक सहायता दी जाए — ऐसी मांग नागरिकों द्वारा की जा रही है।
क्या मैं अब यह पूरा समाचार — हादसा, अशफाक़ की पारिवारिक पृष्ठभूमि, और वन विभाग की लापरवाही — **एक संयुक्त हिंदी रिपोर्ट** के रूप में जोड़ दूँ ताकि यह प्रकाशन के लिए तैयार हो?
