आतंकवाद मुर्दाबाद... के गूंजे नारे, जन सत्याग्रह संगठन ने फूंका आतंकवाद का पुतला

कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के विरोध में उबाल,


सरकार से शहीदों को न्याय देने की मांग


अकोला :- पहलगाम (कश्मीर) में हुए भीषण आतंकी हमले में निर्दोष लोगों की मौत के खिलाफ शहर में जन आक्रोश फूट पड़ा। जन सत्याग्रह संगठन के नेतृत्व में शुक्रवार को बस स्टैंड चौक पर आतंकवाद के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन हुआ और आतंकवाद का पुतला दहन कर सरकार से कठोर कार्रवाई की मांग की गई। प्रदर्शनकारियों ने ‘आतंकवाद मुर्दाबाद’,आतंकवादियों को सज़ा दो’,‘शहीदों को इंसाफ दो’ जैसे गगनभेदी नारे लगाते हुए कहा कि सरकार को इस हमले में शहीद हुए लोगों के परिवारों को मुआवजा देना चाहिए और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जानी चाहिए।


सुरक्षा पर लगाए गए आरोप

सुरक्षा में चूक या साज़िश?
संगठन के पदाधिकारियों ने सवाल उठाया कि इतने संवेदनशील क्षेत्र में आतंकवादी आसानी से प्रवेश कर 26 लोगों की हत्या कर देते हैं और एक भी आतंकी न पकड़ा जाता है,न मारा जाता है,यह गंभीर चूक किसकी है? क्या सुरक्षा एजेंसियां सो रही थीं? संगठन ने इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच प्राथमिकता के साथ कराने की मांग की।




'आतंकवाद का कोई धर्म नहीं' 
 इस्लाम को बदनाम करने वालों को जवाब प्रदर्शन के दौरान संगठन ने स्पष्ट किया कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता। कुछ लोग इसे इस्लाम से जोड़ने की साजिश कर रहे हैं,जो न केवल गलत है बल्कि समाज को बांटने की कोशिश है। इस्लाम अमन, शांति और इंसानियत का पैगाम देने वाला धर्म है,जिसे आतंकवाद से जोड़ना निंदनीय है।




इन चेहरों ने संभाली कमान
इस प्रदर्शन का नेतृत्व जन सत्याग्रह संगठन के प्रमुख आसिफ अहमद खान ने किया। उनके साथ फिरोज़ खान,जावेद पठान,अब्दुल वाहिद, हाफिज़ नाजिम,मोहम्मद रिज़वान, शेख आसिफ,महमूद पठान,उमर फारूक,मोहम्मद शोएब,शोएब रज़ा, नोमान खान,मुजाहिद खान,शेख करीम कुरैशी,शेख शाहिद कुरैशी, मोहम्मद असलम,मोहम्मद यहयाह खान सहित कई कार्यकर्ता और आमजन मौजूद रहे।
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