वक्फ सुधार विधेयक 2025 के खिलाफ अकोला में विरोध प्रदर्शन
शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ विरोध प्रदर्शन
अकोला- वक्फ सुधार विधेयक 2025 के विरोध में आज अकोला शहर में मुस्लिम समाज ने काली पट्टी बांधकर जुमे की नमाज अदा की। यह आंदोलन पूरी तरह शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में नमाजी शामिल हुए। शहर की कई प्रमुख मस्जिदों में इस कानून का विरोध दर्ज कराया गया।गुरुवार को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने देशभर के मुसलमानों से अपील कि थी के व्हो वक्फ संशोधन बिल 2024 के विरोध में अपनी आवाज बुलंद करें।
यह बिल वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा के खिलाफ है और इससे मुसलमानों के धार्मिक स्थलों व संस्थानों को नुकसान पहुंच सकता है।ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की इस अपील पर आज देशभर के साथ अकोला के मुस्लिम समुदाय ने अपने हाथ पर काली फित बांध केंद्र सरकार के खिलाफ अपना विरोध दर्ज किया। 29 मार्च 2025 (जुम्मा तुल विदा) के दिन, नमाज़ के वक्त अपने हाथ पर काली पट्टी बांधकर शांतिपूर्ण तरीके से अपना विरोध दर्ज किया।
यह प्रदर्शन सरकार को यह संदेश देने के लिए किया गया कि मुसलमान अपनी धार्मिक और सामाजिक संपत्तियों की सुरक्षा के लिए गंभीर हैं।ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की इस अपील पर सभी धर्मगुरु और मुस्लिम संगठनों ने अपने अपने स्तर पर इस विरोध प्रदर्शन को को सफल बनाया।इस समय इजरायल द्वारा फलस्तीन और गाज़ा पर हो रहे ज़ुल्म के खिलाफ भी हाथों के पोस्टर लिए विरोध किया गया।आज अकोला ज़िला सहित पूरे देश मे मुसलमानों ने संविधान द्वारा दिए गए अधिकारों का उपयोग करते हुए शांतिपूर्ण ढंग से अपने विरोध को दर्ज किया।
विधेयक के खिलाफ नाराजगी, मुस्लिम समाज के खिलाफ साजिश का आरोप
वक्फ सुधार विधेयक 2025 को मुस्लिम समाज के धार्मिक और सामाजिक अधिकारों पर हमला बताया जा रहा है। इसे एक साजिश करार देते हुए आरोप लगाया गया कि मुसलमानों को उनकी मस्जिदों, ईदगाहों, मदरसों, दरगाहों, खानकाहों, कब्रिस्तानों और अन्य धार्मिक-सामाजिक संस्थानों से बेदखल करने की कोशिश की जा रही है।अगर यह विधेयक लागू हुआ, तो सैकड़ों मस्जिदें, ईदगाहें, मदरसे, कब्रिस्तान और कई चैरिटी संस्थाएं सरकार के नियंत्रण में जा सकती हैं। इसी कारण देशभर में मुस्लिम समाज इस विधेयक का विरोध कर रहा है।