थैलेसीमिया से जंग जीतने निकली अकोला की नन्ही परी, BMT के लिए बेंगलुरु रवाना!



अकोला- थैलेसीमिया सोसाइटी की नन्ही परी, राशिद्धया इंगले, अपने जीवन की सबसे बड़ी जंग लड़ने के लिए पूरी तरह तैयार है। अपनी जुड़वा बहन और जीवनदाता सान्निध्या इंगले के साथ, वह बोन मैरो ट्रांसप्लांट (BMT) के लिए बेंगलुरु के भगवान महावीर जैन हॉस्पिटल जा रही है। यह महत्वपूर्ण चिकित्सा प्रक्रिया डॉ. मोहन रेड्डी के नेतृत्व में होगी।

BMT के लिए बेंगलुरु रवाना हुई राशिद्धया

अकोला थैलेसीमिया सोसाइटी, संकल्प फाउंडेशन इंडिया, और कई दानदाताओं के सहयोग से यह संभव हो पाया है कि तीन वर्षीय राशिद्धया को एक नया जीवन मिले। उसके माता-पिता, परिवार और समाज की दुआएं उसके साथ हैं। पूरे अकोला में राशिद्धया के जल्द स्वस्थ होने की कामना की जा रही है।


थैलेसीमिया: एक गंभीर लेकिन इलाज योग्य बीमारी

थैलेसीमिया एक गंभीर रक्त विकार है, जिसमें शरीर पर्याप्त मात्रा में हीमोग्लोबिन का उत्पादन नहीं कर पाता। इससे शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है, जिससे मरीज को बार-बार रक्त आधान (ब्लड ट्रांसफ्यूजन) की आवश्यकता होती है। राशिद्धया भी इस समस्या से जूझ रही थी, लेकिन अब बोन मैरो ट्रांसप्लांट के जरिए उसका जीवन सामान्य हो सकता है।


सान्निध्या बनी राशिद्धया की जीवनरक्षक

राशिद्धया की जुड़वा बहन सान्निध्या इंगले इस पूरे संघर्ष में उसकी सबसे बड़ी ताकत बनी है। बोन मैरो ट्रांसप्लांट के लिए एक उपयुक्त डोनर मिलना बेहद कठिन होता है, लेकिन सौभाग्य से सान्निध्या का बोन मैरो राशिद्धया से मेल खा गया। अब, वह न केवल उसकी बहन है बल्कि उसकी जीवनदाता भी है।


अकोला थैलेसीमिया सोसाइटी का योगदान

अकोला थैलेसीमिया सोसाइटी लंबे समय से थैलेसीमिया मुक्त भारत के मिशन पर कार्य कर रही है। इस संगठन ने कई बच्चों को नया जीवन देने में अहम भूमिका निभाई है।परम पिता परमेश्वर की कृपा से, हरिशभाई आलिमचंदानी परिवार सहित अकोला थैलेसीमिया सोसाइटी के सभी सदस्य राशिद्धया के सफल इलाज के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। समाज की ओर से राशिद्धया के परिवार को हर संभव सहायता देने का प्रयास किया जा रहा है।

संकल्प फाउंडेशन इंडिया का सहयोग

संकल्प फाउंडेशन इंडिया इस तरह के मामलों में आर्थिक सहायता और चिकित्सा सुविधाओं के लिए कार्य करता है। यह संगठन BMT जैसी जटिल प्रक्रियाओं के लिए मरीजों को मार्गदर्शन और सहयोग प्रदान करता है। राशिद्धया का इलाज इसी संगठन की सहायता से संभव हो पाया है।

भगवान महावीर जैन हॉस्पिटल में होगा उपचार

बेंगलुरु स्थित भगवान महावीर जैन हॉस्पिटल देश के सर्वश्रेष्ठ BMT केंद्रों में से एक है। डॉ. मोहन रेड्डी और उनकी विशेषज्ञ टीम ने कई जटिल BMT प्रक्रियाओं को सफलतापूर्वक अंजाम दिया है। राशिद्धया का इलाज भी यहाँ किया जाएगा, जिससे उसे एक नया जीवन मिलने की उम्मीद है।

समाज की शुभकामनाएँ और समर्थन

राशिद्धया के सफल इलाज और जल्द स्वस्थ होने के लिए पूरे समाज से शुभकामनाएँ मिल रही हैं। अकोला के नागरिकों ने थैलेसीमिया के प्रति जागरूकता बढ़ाने और ऐसे बच्चों की सहायता के लिए आगे आने की अपील की है।

थैलेसीमिया मुक्त भारत: एक संकल्प

थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चों को नया जीवन देने के इस प्रयास में हम सभी को एकजुट होने की जरूरत है। अकोला थैलेसीमिया सोसाइटी और संकल्प फाउंडेशन इंडिया के प्रयासों की सराहना करते हुए, हम उम्मीद करते हैं कि राशिद्धया जल्द स्वस्थ होकर अपने परिवार के साथ खुशहाल जीवन व्यतीत कर सके।हम सभी की दुआएं और आशीर्वाद उसके साथ हैं!

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