नाबालिग लड़की से छेड़छाड़ करने वाले आरोपी को अग्रिम जमानत,अधिवक्ता नजीब शेख ने की पैरवी
अकोला: लड़की के माता-पिता ने एक युवक पर उनकी नाबालिग बेटी से छेड़छाड़ करने और उसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर अपलोड करने की धमकी देने का आरोप लगाते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज की थी। कोर्ट ने इस आरोपी युवक की अग्रिम जमानत अर्जी मंजूर कर ली है.अधिवक्ता नजीब शेख ने अदालत में आरोपी का प्रतिनिधित्व किया.कृषि नगर में रहने वाले इस युवक ने एक स्कूली छात्रा का पीछा कर छेड़छाड़ की थी। इस मामले में आरोपी युवक ने पीड़िता से शिकायत करने पर उसकी फोटो सोशल मीडिया पर अपलोड करने की धमकी दी थी.इस मामले में पुलिस ने विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था. आरोपी की गिरफ्तारी से पहले जमानत के लिए अधिवक्ता ने कोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल की थी. दोनों पक्षों की जिरह सुनने के बाद न्यायाधीश ने आरोपी की जमानत अर्जी स्वीकार कर ली।5 फरवरी 2025 को यहीं की रहने वाली एक महिला ने सिविल लाइन थाना क्षेत्र के कृषि नगर निवासी 20 वर्षीय आदित्य दास नामक युवक के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी.इसमें आरोप लगाया गया कि आदित्य दास उनकी 14 वर्षीय बेटी का पीछा करता था और उसके साथ छेड़छाड़ करता था। जब आदित्य दास को समझाया गया तो उसने लड़की की फोटो सोशल मीडिया पर अपलोड करने की धमकी दी.नाबालिग लड़की ट्यूशन क्लास जा रही थी. जब वह घर लौट रही थी तो आरोपी ने फिर उसका पीछा किया और उसका हाथ पकड़कर उसके साथ छेड़छाड़ की।लड़की के माता-पिता की शिकायत के आधार पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ बीएनएसएस की धारा 74, 75, (2), 78 (1), 351 (2), 351(3) के साथ-साथ POCSO अधिनियम की धारा 12 के तहत प्राथमिकी दर्ज की।जैसे ही आदित्य दास को पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर की जानकारी मिली, दास ने तुरंत अधिवक्ता नजीब शेख के माध्यम से अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायालय में अग्रिम जमानत के लिए आवेदन किया।याचिका पर सुनवाई के दौरान अधिवक्ता ने दलील दी कि आरोपी आदित्य दास और पीड़िता के परिवार के बीच पारिवारिक रिश्ते हैं. सिर्फ वित्तीय लेन-देन के कारण एफआईआर दर्ज की गई है, आदित्य दास के हाथों ऐसी कोई घटना नहीं हुई है.दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद प्रथम जिला एवं सत्र न्यायाधीश ए. डी. क्षीरसागर ने अधिवक्ता नजीब शेख की ओर से पेश की गई दलीलों और सबूतों को स्वीकार कर लिया और अग्रिम जमानत अर्जी मंजूर कर ली। साथ ही मोबाइल फोन जांच अधिकारी के पास जमा कराने का आदेश दिया।