चिखली विधानसभा क्षेत्र में आखिर इस नाम से सभी राजनीतिक पार्टियों में क्यों हो रही बेचैनी
चिखली विधानसभा मतदार संघ से अब्दुल रियाज सौदागर चुनावी मैदान में नाम होने से राजनीतिक पार्टियों में बेचैनी
अशफाक युसूफ
बुलढाणा-महाराष्ट्र विधानसभा का ऐलान होते ही बुलढाणा जिला में सियासी सरगर्मियां तेज हो गई है। अल्पसंख्यक की आबादी हिसाब से विधानसभा में प्रतिनिधित्व जरूरी है ताकि अल्पसंख्यक को इंसाफ मिल सके । इसके लिए महाराष्ट्र विधानसभा में अल्पसंख्यकों को हक की आवाज बुलंद करने के लिए विधानसभा चुनाव में अब्दुल रियाज सौदागर इनका नाम सोशल मीडिया पर आने से राजनीतिक पार्टियों में बेचैनी नजर आ रही है। मशहूर मारूफ सामाजिक खिदमतगार अब्दुल रियाज सौदागर धाड चिखली मतदार संघ ही नहीं बल्कि महाराष्ट्र में बसने वाले अल्पसंख्यको के लिए कोई नया नाम नहीं है।
अब्दुल रियाज़ सौदागर जिले में 13 शैक्षणिक संस्था चलाये जा रहे हैं जिनमें हजारों गरीब बच्चे शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। रियाज़ सौदागर समाज सेवा में कभी नहीं रुकते, वह हर आने वालेचेहरे पर मुस्कान लेकर मिलते हैं, उनकी समस्याओं को ध्यान से सुनत कर और उन्हें हल करने की पूरी कोशिश करते हैं। चिखली विधानसभा मतदारसंघ से इनका नाम चुनावी मैदान में आने से राजनीतिक पार्टियों में बेचैनी पाई जा रही है। क्योंकि चिखली मतदार संघ में लगभग 3 लाख वोट है। जिसमें दलित और मुस्लिम वोट निर्णायक है। महाराष्ट्र विधानसभा को लेकर गतिविधियां तेज हो गई है। देहात से लेकर बड़े-बड़े शहरों के चौराहों पर उम्मीदवारों की धाक को लेकर वोटर का बाजार गर्म दिखाई दे रहा है।
सभी सियासी पार्टियों ने मुसलमान को नजरअंदाज किया- रियाज़ सेठ सौदागर
किसी भी सियासी पार्टीयो ने अल्पसंख्यक कहे जाने वाले मुसलमान के लिए कुछ नहीं किया। उन्होंने कहा कि सभी राजनीतिक पार्टियों ने मुसलमान को सिर्फ वोट बैंक बना रखा है। भारत को आजादी मिलने के बाद 55 वर्षों तक इस मूल के की सत्ता कांग्रेस पार्टी के हाथों में रही। उसके बाद दूसरी सरकार के पास रही। लेकिन किसी भी सरकारने उनकी तरक्की के लिए एक भी काम नहीं किया। उन्होंने भाजपा को निशाना बनाते हुए कहां की , राज्य स्तरपर अपनी नीति बदलती रहती है। आज राजनीतिक का मतलब सिर्फ और सिर्फ सत्ता हासिल करना है। किसी भी पार्टी का जनसेवा इसका उद्देश्य ही नहीं है। मौजूदा स्थिति देखा जाए तो केंद्र और राज्य में मुसलमान पर जुल्म और ज्यादाती की जा रही है। हाल ही लोकसभा इलेक्शन में मूल की मुसलमान ने सियासी बिदारी का सबूत दिया है वह शायद ही आजादी के बाद से लेकर आज के लिए एक मिसाल है। लेकिन इसके बावजूदभी महाराष्ट्र में एमएलसी इलेक्शन में महा विकास आघाडी ने एक भी मुस्लिम चेहरे को मौका नहीं दिया । बल्कि नजरअंदाज कर दिया। उन्होंने कहा कि किसी भी पार्टी की सरकार बनवाकर हमें अपना हक नहीं मिलेगा बल्कि किसी भी पार्टी के साथ समझौता करके और सरकार में हिस्सेदारी हासिल करके ही अपने अधिकार हासिल किए जा सकते हैं। इसी मकसद को लेकर मैं चिखली विधानसभा मतदार संघ से चुनावी मैदान में उतारने वाला हूं ,रियाज़ सेठ सौदागर ने बात करते हुए कहा विधानसभा चुनाव में खड़े होने का मकसद नहीं बल्कि अल्पसंख्यक को न्याय दिलाना है.