कपास खरेदी केंद्र की संख्या बढाई जाय

कपास खरेदी केंद्र की संख्या बढाई जाय

भारत मुक्ती पार्टी की जिल्हाधिकारी से मांग
अकोला.. लॉकडाऊन मे शासकीय स्तर पर कपास की  खरेदी बडे पैमाने पर शासन ने शूरू कर इस वर्ष  कपास को ५३५०रुपये का हमीभाव दिया गया है. किंतु शासकीय खरेदी केंद्र की संख्या कमी होने से  कास्तकार अपना कपास बिक्री के लिये निजी जिनिग मालक के पास जाकर कपास केवल  ४१०० से ४३०० रुपये क्विंटल के भाव से बेच रहे हैं. इससे कास्तकार वर्ग का आर्थिक नुकसान हो रहा हैं.शासन ने अतिरिक्त कपास खरेदी केंद्र शुरू कर कास्तकार वर्ग का निजी  जीनींग मालको से हो रहा आर्थिक शोषण दूर करने की मांग भारत मुक्ती पार्टी की ओरसे  जिलाधिकारी को निवेदन देकर की गयी.
नाबार्डने  कपास खरेदी के लिये कम खरेदी केंद्र चला रखे हैं. प्रत्येक केंद्रबपर सातबाराद्वारा ३५०० से ३८०० का पंजियन किया है. किंतू आजतक इस मे ३०० तक पंजियन क्र. रहनेवाले कास्तकारो के कपास की खरेदी अब तक हुयी नही.इस प्रकार से दुखी कास्तकार अपना कपास निजी जिनिंग मालको को बेचं रहे हैं. शासन ने हमी भाव घोषित करने के बाद भी निजी  जिनींग मालक शासन का निर्देश का पालन न करते हुये कम भाव मे कपास ले कर कास्तकार वर्ग का आर्थिक शोषण करने की बात निवेदन मे कही गयी हैं.मान्सून शूरु हो रहा हैं. कास्तकार वर्ग के पास हजारो क्विंटल कापूस पडा हैं.एैसे संकट मे  शासन के पास कास्तकारो के सातबारा का पंजीयन हूवा हैं. एैसे कास्तकार वर्ग के कपास खरेदी करने हेतू अतिरिक्त खरेदी केंद्र की संख्या बढाकर निजी जिनिंग मालको के  कम भाव मे  कापूस खरेदीपर अंकुश लगाने की.मांग निवेदन मे की गयी है.निवेदन की कापी मुख्यमंत्री को भेजी गयी है.निवेदन देते समय भारत मुक्ती पार्टीके शहर अध्यक्ष चंदन वानखडे,पार्टी के जिला उपाध्यक्ष सारंग निखाडे,शक्ती आटोटे आदी उपस्थित थे.
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