जानलेवा हमले के सभी आरोपी आरोप मुक्त

अजय रामटेके समेत सभी आरोपी बरी, न्यायालय का ऐतिहासिक निर्णय


अकोला- सन 2015 के जानलेवा हमले के मामले में प्रमुख जिला एवं सत्र न्यायाधीश आर.एस. तिवारी ने सभी आरोपियों को बरी किया। सरकारी पक्ष के 9 गवाहों की जाँच के बावजूद अधिवक्ताओं की प्रभावशाली पैरवी ने आरोपियों को राहत दिलाई।


सभी आरोपी बरी

सन 2015 में सिविल लाइन पुलिस स्टेशन में दर्ज जानलेवा हमले के गंभीर मामले में आज न्यायालय ने सभी आरोपियों को बरी करने का निर्णय सुनाया। यह प्रकरण फिर्यादी धनंजय बिल्लेवार की शिकायत पर दर्ज हुआ था। शिकायत के अनुसार, भारतीय दंड संहिता की धारा 307 और अन्य धाराओं के तहत पार्षद अजय रामदास रामटेके और उनके साथियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।इस प्रकरण में सिविल लाइन पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की थी और सरकार पक्ष ने 9 से अधिक गवाहों को न्यायालय में प्रस्तुत किया। सरकारी पक्ष का कहना था कि यह हमला जानलेवा था और इसके लिए आरोपियों को दोषी ठहराया जाना चाहिए। हालांकि, आज दिनांक 2 दिसंबर 2024 को विद्यमान प्रमुख जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री आर.एस. तिवारी ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया। न्यायालय में बचाव पक्ष के अधिवक्ता अतहर खान (उर्फ मुन्ना खान) और अधिवक्ता दुष्यंतसिंह चौहान ने अपने प्रभावशाली युक्तिवाद के माध्यम से यह साबित किया कि आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य मौजूद नहीं थे।न्यायालय के इस निर्णय ने न केवल आरोपियों को राहत दी है, बल्कि यह भी स्पष्ट किया है कि न्यायपालिका में सबूत और प्रभावशाली तर्क का कितना महत्व है। पार्षद अजय रामदास रामटेके और उनके साथियों को इस निर्णय से बड़ी राहत मिली है।यह प्रकरण न्यायपालिका के निष्पक्ष और पारदर्शी कार्य प्रणाली का एक उदाहरण है, जो न्याय दिलाने में सबूतों और युक्तिवाद को प्राथमिकता देती है।

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