सुरों के सरताज मोहम्मद रफी की जन्मतिथि पर सजेंगी सुरों की महफ़िल
अकोला- सुरों के सरताज मुहम्मद रफी भले ही इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनकी सुरीली आवाज आज भी लोगों को मदमस्त कर देती है। 24 दिसंबर, 1924 को जन्मे रफी की सौवीं जन्मतिथि को मनाने के लिए अकोला रफी फैन्स क्लब की ओर से सुरों की महफ़िल का आयोजन 24 दिसंबर की शाम 6:00 बजे शहर के बस स्टैंड रोड स्थित प्रमिलताई ओक हॉल में किया जाएगा । रफी फैन्स क्लब के संस्थापक और कार्यक्रम के आयोजक उस्ताद करीम खान के अनुसार इस कार्यक्रम में अकोला के कई बेहतरीन कलाकार अपनी आवाजों से रफी साहब के गाए हुए गीतों को बतौर श्रद्धांजलि पेश करेंगे। आयोजन की तैयारी विगत दो माह से निरंतर जारी है। जिन गीतों के माध्यम से स्वर्गीय मोहम्मद रफी को श्रद्धांजलि दी जाएगी। उनमें शिरडी वाले साइन बाबा,100 साल पहले मुझे तुमसे प्यार था, बदन पे सितारे लपेटे हुए, बेखुदी में सनम, दर्दे दिल दर्दे जिगर, आज ऐसा मौका फिर कहां मिलेगा, ले गई दिल गुड़िया जापान की, सात अजूबे इस दुनिया में, लाखों हैं निगाह में, तेरे संग प्यार में नहीं छोड़ना, तेरी बिंदिया रे, क्या मौसम है, नजर ना लग जाए किसी की, राहों में और अजी ऐसा मौका फिर कहां मिलेगा, जैसे कई सदाबहार गीत शामिल है।जो कलाकार इस आयोजन में अपनी गायकी से समां बांधेंगे, उनमें खुद उस्ताद करीम खान के अलावा फिरोज खान सुफी, अहसान नवाज़ खान, अब्दुल खालिक शैख,आर के बबलु,नंद किशोर दाभाड़े, आमिर खान सुफी,मोहम्मद अनीस,मिस लीना पांडे,मिस आरती,प्रीति पाठक,शामिल हैं। मंच संचालनमशहूर एंकर फिरोज खान सूफी करेंगे।ईस प्रोग्राम में अकोला के मशहूर साउंड ऑपरेटर नूरा भाई और अबुजर सुफी गार्डन साउंड से समा बाधेंगे इस शेख जहीर और बीलाल खान ने इस कार्यक्रम के लिये पूरा संयोग कर रहे है रफी साहब की 100 वीं जयंती के अवसर पर फिल्म जगत के अन्य दिवंगत कलाकार जिन में स्व किशोर कुमार, स्व मुकेश, स्व लता मंगेशकर और स्व महेंद्र कपूर इत्यादि को भी श्रद्धांजलि दी जाएगी ।