अजमेर दरगाह और संभल मामला: जिलाधिकारी कार्यालय के सामने ७२ घंटे का धारणा आज से शुरू



 अकोला- राजस्थान के अजमेर और उत्तर प्रदेश के संभल मामले को लेकर शुक्रवार को अकोला जिलाधिकारी कार्यालय पर जन जन सत्याग्रह संगठन ने ७२ घंटे का धारणा आंदोलन कर शुरू किया है।जन सत्याग्रह संगठन ने आरोप लगाया कि धार्मिक स्थलों को क्षति पहुंचाने का घिनौना काम किया जा रहा है और देश के आपसी सद्भाव को समाप्त करने की कोशिश की जा रही है. सत्याग्रह संगठन ने के अध्यक्ष आसिफ अहमद खान ने एबीपी अकोला बातमी पत्र से कहा कि मस्जिदों को मंदिर बात कर अदालत में झूठे केस दायर किया जा रहे हैं. सर्वे के नाम पर मस्जिदों के स्टेटस को समाप्त करने का प्रयास किया जा रहा है.ज्ञानवापी मस्जिद के नीचे मंदिर होने के बहाने सर्वे करा कर देश का माहौल खराब किया गया. 



केंद्र सरकार वक्फ संशोधन बिल लाकर मुस्लिम को जमीनों को हड़पना चाहती है. उन्होंने कहा कि अदालत में इस मामले को सुनवाई योग्य नहीं मानना चाहिए और याचिका को खारिज करना चाहिए.जन सत्याग्रह संगठन ने मांग की है कि यूपी में जिन युवाओं को पोलिस ने अपना निशाना बनाया है उन जवानों के परिवार को तत्काल आर्थिक सहायता दे और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी प्रदान करे । संभल मामले की उच्च स्तरीय जांच हो और मजलूमों पर जो बुलडोजर वाली कार्रवाई हो रही है वो सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के खिलाफ है उत्तर प्रदेश सरकार ने राजीनामा दे और उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू करे यह आंदोलन में जन सत्याग्रह संगठन के सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद थे।जावेद पठान ने कहा कि ख्वाजा साहब की दरगाह इंसानियत और भाईचारे का संदेश देती है और ऐसे पवित्र स्थलों पर विवाद पैदा करना गलत है. जावेद पठान ने न्यायालय से अपील की कि ऐसी याचिकाओं को खारिज किया जाए, ताकि देश की गंगा-जमुनी तहज़ीब और सांप्रदायिक सौहार्द बना रहे.



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