विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार ऐसी बना रहे है रणनीति
सोशल मीडिया से जम कर हो रहा चुनाव का प्रचार-प्रसार !
कोई कर रहा वादे.... तो कोई गिना रहा काम...
निज़ाम साजिद
अकोला-महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की घोषणा होते ही सभी राजनीतिक दल काम से लग गए है।पिछले दिनों पार्टी द्वारा उम्मीदवारों के नामों को लेकर काफी खिंचतान शुरू थी। आखिरकार सभी राजनीतिक दलों ने अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर ही दी उस के बाद नामांकन पत्र दाखिल करने बाद सोमवार को कुछ उम्मीदवारों अपने नामांकन पत्र वापस लेने के बाद चुनाव में कायम उम्मीदवारों ने अब प्रचार की शुरुआत कर दी है सोशल मीडिया के माध्यम से अपने मतदाताओं को लुभाने के लिए अलग अलग पोस्ट डाल रहे हैं। सोशल मीडिया प्रचार का एक प्रभावी माध्यम बनता जा रहा है. प्रत्याशियों ने फेसबुक और वाट्सएप पर अपना चिह्न के साथ इमेज बना कर डालना शुरू कर दिया है. मत देने की अपील के साथ ही चुनावी वादे भी सोशल मीडिया के माध्यम से किये जा रहे है. प्रत्याशी ही चुनाव प्रचार में तामझाम करने की बजाय फेसबुक और वाट्सएप पर वोट मांग रहे है, यानी विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारों के बीच मुकाबला जमीन पर ही नहीं, बल्कि सोशल मीडिया पर भी चल रहा है.
मतदाताओं तक पहुंचने का आसन रास्ता "सोशल मीडिया"
उम्मीदवार मतदाताओं तक पहुंचने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लेते नज़र आ रहे है। अपने क्षेत्र के मतदाताओ को फेसबुक से जुडा जा रहा है. अपने क्षेत्र के मतदाताओं का वाट्सएप ग्रुप भी बनाया जा रहा है. उम्मीदवार व उनके समर्थक वाट्सएप ग्रुप का जम कर उपयोग कर रहे हैं. इसके अलावा मतदाताओं को उनके पर्सनल नंबर पर मैसेज भी भेजा रहा है. चुनाव चिह्न हरेक मतदाता तक पहुंचाना बड़ी चुनौती है. इसके लिए सोशल मीडिया बेहतर माध्यम साबित हो रहा है.
फेसबुक और वाट्सएप ग्रुप में साथ जुड़े रहते सैकड़ों मतदाता
वाट्सएप और फेसबुक पर सैकड़ों मतदाता साथ जुड़े रहते हैं. इस पर मतदाताओ की प्रतिक्रियाएं भी देखने को मिल जाती है. सोशल मीडिया पर प्रचार के दौरान मतदाताओ और दूसरे लोगों से मिलने वाली प्रतिक्रियाएं भी उम्मीदवारों के लिए बेहतर साबित हो सकती है. फीडबैक के आधार पर उम्मीदवारों को मतदाताओं का मन टटोलने का भी अवसर मिल रहा है और वे अपनी स्थिति का आंकलन भी कर पा रहे हैं. दरअसल, सरकार की ओर से दो बच्चों सहित अन्य नियम लागू करने के बाद कई उम्मीदवारों के सपने तो धराशायी हो गये. लेकिन शिक्षित व युवा उम्मीदवारों ने चुनाव में घर-घर वोट मांगने के बजाय सोशल मीडिया को ही प्रचार का माध्यम बना लिया है।
मतदाताओं को व्हाट्सएप ग्रुप से जोड़ा जा रहा
विधानसभा चुनाव में कूदे उम्मीदवारों का कहना है कि चुनाव में सोशल मीडिया का बहुत फायदा है. ग्रुप बना कर अपने क्षेत्र के लोगों खासकर युवाओं को जोड़ा जा रहा है. सभी को चुनाव में वोट डाल कर भारी बहुमत से विजयी बनाने की अपील की जा रही है. बताया जा रहा है कि अगर वह उन के क्षेत्र का विधायक बना तो उसके विकास का एक समाना विकास करवाया जायेगा. वाट्सएप पर ग्रुप बना कर वोटरों से अपडेट ली जा रही है.
वाट्सएप के डीपी भी बदल दि गई
चुनाव में खड़े उम्मीदवारों व उनके करीबी युवाओं के फेसबुक व वाट्सएप से प्रोफाइल पिक्चर भी बदल दी गई है चुनाव से पहले जहां युवाओं ने अपने डीपी किसी हीरो-हीरोइन या फिर अन्य पिक्चर लगा रखी थी. लेकिन चुनाव की नयी तिथि की जानकारी के बाद अब एकदम से सोशल मीडिया विधानसभा चुनाव के रंग में रंग गया है. उम्मीदवार अपने चुनाव चिह्न के साथ रियल फोटो खींच कर सोशल मीडिया पर डाल रहे है, ताकि प्रचार को चुनाव की तारीख आने तक तेज गति दी जा सके.