पश्चिम में बैनर फाड़ने की घटना से गरमाया चुनावी माहौल
बैनर फाड़ने की घटना के बाद अकोला पश्चिम में उम्मीदवारों के बीच तनाव
अकोला-अकोला पश्चिम विधानसभा में जातीय राजनीति के चलते चुनावी माहौल गर्माया है। हाल ही में उम्मीदवारों के बैनर फाड़े जाने की घटना ने विरोधियों में हलचल मचा दी है, जिससे चुनावी तनाव बढ़ गया है। इस पुरे मामले पर पुलिस की नजर रहते हुवे पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
अकोला पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में इस बार का चुनाव कड़ा मुकाबला पेश कर रहा है, और जातीय राजनीति के बढ़ते प्रभाव के चलते माहौल में गर्मी आ गई है। हाल ही में इस क्षेत्र के प्रमुख उम्मीदवारों के बैनर फाड़े जाने की घटना ने नई हलचल मचा दी है। देशमुख फाइल क्षेत्र के पुल पर भारतीय जनता पार्टी के बागी नेता हरीश अलीमचंदानी, अशोक ओलंबे और राजेश मिश्रा के बैनर फाड़े गए हैं।
हरीश आलिमचंदनी ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन दखल की है वही आलिमचंदनी को वंचित का समर्थन मिलने के बाद उन की लोकप्रियता को देखकर उनके समर्थन में अकोला पच्छिम के मतदाताओं ने अपना समर्थन देने शुरू कर दिया है।जिस से मुख्य दलों के लिए मुश्किल खड़ी कर दी है।वहीं, भाजपा के दूसरे बागी नेता अशोक ओलंबे ने प्रहार का समर्थन लेकर चुनाव में उतरने का निर्णय लिया है। इस बीच, राजेश मिश्रा ने हिंदुत्व का झंडा थामते हुए निर्दलीय उम्मीदवारी का पर्चा दाखिल किया है, जिससे अकोला पश्चिम का पूरा चुनावी समीकरण उलझ गया है। बैनर फाड़े जाने की घटना के बाद यहां राजनीति गरमा गई है और विरोधी उम्मीदवारों में चर्चाओं का दौर जारी है। इस घटना की सूचना मिलते ही रामदास पेठ पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की जांच शुरू की। बैनर फाड़े जाने की घटना से क्षेत्र में उलटफेर चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। पुलिस की प्राथमिक जांच जारी है, और चुनावी विवाद के इस पहलू ने अकोला पश्चिम के मतदाताओं का ध्यान अपनी ओर खींचा है।