AIMIM का ठिया आंदोलन ,जिलाधिकारी ने दिया आश्वासन
शुरुआत में नहीं मिला समय, फिर दी चर्चा की मंजूरी
शुरुआत में कार्यकर्ताओं को जिलाधिकारी से मिलने का समय नहीं दिया गया, जिससे नाराज होकर उन्होंने जिलाधिकारी कार्यालय के सामने शांतिपूर्ण तरीके से धरना शुरू किया। लेकिन करीब डेढ़ घंटे चले इस आंदोलन के बाद, जिलाधिकारी ने AIMIM प्रतिनिधियों को दालन में बुलाकर चर्चा की और उनकी बात को गंभीरता से सुना।
जिलाधिकारी का स्पष्टीकरण: शासन के निर्देश अनुसार ही प्रक्रिया
जिलाधिकारी ने बातचीत के दौरान बताया कि यह आदेश 12 मार्च 2025 के शासन निर्णय के अनुसार ही निकाले गए हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि “जिन नागरिकों के जन्म प्रमाणपत्र रद्द हुए हैं, वे शासन निर्णय में उल्लिखित दस्तावेजों में से कोई भी एक वैध दस्तावेज प्रस्तुत करके दोबारा आवेदन करें, तो उन्हें फिर से जन्म प्रमाणपत्र जारी किया जाएगा।”
एआईएमआईएम कार्यकर्ताओं की आपत्ति: दस्तावेजों की अनावश्यक मांग
एआईएमआईएम कार्यकर्ताओं का कहना है कि शासन के निर्णय में यह स्पष्ट रूप से कहा गया है कि अगर किसी नागरिक के पास टीसी, आधार कार्ड, पैन कार्ड, घर टैक्स पावती, बिजली बिल, या फिर बाप-दादा का जन्म प्रमाणपत्र हो, तो उन दस्तावेजों में से किसी एक के आधार पर जन्म प्रमाणपत्र जारी किया जा सकता है।लेकिन फिलहाल प्रशासन सभी दस्तावेजों की मांग कर रहा है, जिससे नागरिकों को अत्यधिक परेशानी हो रही है, विशेष रूप से किराए के मकानों में रहने वाले नागरिकों को, जिनके पास टैक्स या बिजली बिल नहीं होते।
यह कार्यकर्ता नहीं किया संघर्ष :
आसिफ अहमद खान, जावेद पठान, अब्दुल नासिर, मुशर्रफ खान, सना उल्लाह, अब्दुल वाहिद, मोहम्मद वसीम, अंजार खान, मोहसिन खान, मुस्तकीम, इमरान रब्बानी, तालिब खान, अब्दुल साजिद, शेख सद्दाम, शेख वसीम, शेख फैजान, मोहम्मद आसिफ, शेख मब्बा, मोहतसिन खान, अंसार खान, अब्दुल रज़िक, अब्दुल अन्वेज़ सहित कई कार्यकर्ता उपस्थित थे।
एआईएमआईएम की माँग: एक संयुक्त बैठक हो
एआईएमआईएम प्रतिनिधियों ने जिलाधिकारी से यह माँग की कि तहसीलदार, नगर निबंधक, और संबंधित अधिकारियों के साथ एक संयुक्त बैठक बुलाई जाए, जिसमें एमआईएम के प्रतिनिधियों को भी बुलाया जाए, ताकि जनता और प्रशासन के बीच हो रही ग़लतफहमी दूर हो सके और वास्तविक नागरिकों को उनके अधिकार के अनुसार जन्म प्रमाणपत्र मिल सके।
नागरिकों को मिला आंशिक दिलासा
जिलाधिकारी द्वारा दिए गए आश्वासन से नागरिकों को कुछ हद तक राहत जरूर मिली है, लेकिन एआईएमआईएम ने प्रशासन से अपील की है कि वह शासन निर्णय की सही और सरल तरीके से व्याख्या कर, आम जनता को बिना अनावश्यक दस्तावेजों की मांग के जन्म प्रमाणपत्र उपलब्ध कराए।एआईएमआईएम ने यह स्पष्ट किया है कि अगर जल्द ही सुधारात्मक कदम नहीं उठाए गए, तो आंदोलन को और तीव्र किया जाएगा।